आज हर माता-पिता अपने बच्चे को उचित पालन-पोषण के साथ स्मार्ट बनाना चाहते हैं। लेकिन कभी-कभी हम अपने बच्चों को इतने लाड़-प्यार से बड़ा करते हैं कि हम उन्हें घर का काम सिखाना ही भूल जाते हैं। कई बच्चे ऐसे होते हैं जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती है, वे दूसरे बच्चों से नहीं मिल पाते या शर्मीले होते हैं। बच्चों को स्मार्ट, इंटेलिजेंट या परफेक्ट बनाने का कोई फॉर्मूला नहीं है। इसलिए उन्हें घर पर छोटे-मोटे काम देकर खोलें। अगर आप कम उम्र में ही उनके लिए छोटे-छोटे काम करते रहेंगे तो उनका दिमाग भी विकसित होगा।
घर के छोटे-मोटे काम
डेढ़ साल की उम्र से ही बच्चे आपके निर्देश समझने लगते हैं। ऐसे में छोटे-छोटे काम करके उनके दिमाग का बेहतर विकास किया जा सकता है। जैसे खाने की प्लेट हटा दो, गिलास रसोई में रख दो। जब वह थोड़ा बड़ा हो जाए तो उसे खुद पानी लाने के लिए कहें। ऐसे छोटे-छोटे काम करने से बच्चों में खुद काम करने की आदत विकसित होती है और वे आत्मनिर्भर बनना सीखते हैं।
विद्यालय के लिए तैयार हो रहा है
जब बच्चा 5 साल का हो जाए तो उसे खुद स्कूल जाने के लिए तैयार करें। जैसे कपड़े पहनना, मोज़े और जूते पहनना, बाल बांधना आदि से बच्चे आत्मनिर्भर बनते हैं।
बच्चों को एक साथ खेलने दें
बच्चों को कॉलोनी, पार्क या स्कूली बच्चों के साथ अधिक समय बिताने दें। यह बच्चों में सामाजिक कौशल में सुधार करता है। वे समस्याओं को स्वयं हल करने का प्रयास करना भी सीखते हैं।
थोड़ी देर के लिए अकेला छोड़ दो
अपने बच्चे को कुछ देर अकेले बैठने दें। अगर बच्चा कुछ देर अकेले बैठे तो उसे सोचने दें। इससे बच्चे को कुछ नया और रचनात्मक करने का विचार आएगा।
संगीत सुनना, नृत्य करना
अपने बच्चे को कुछ समय के लिए संगीत सुनने और नृत्य करने की आदत डालें। इससे बच्चों का मूड तरोताजा हो जाएगा और उनमें नई चीजें सीखने की जिज्ञासा पैदा होगी।
समय निर्धारित
बच्चे के सोने, जागने, नहाने, खाने, पढ़ाई आदि का समय निर्धारित करें। इससे बच्चे अपने काम के प्रति जागरूक होंगे और आप पर निर्भर नहीं रहेंगे। यह कार्य बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है।