इस बात पर चर्चा हुई कि क्या पिछले वर्ष ट्रस्ट के खाते पाटन की जीत शाखा में चैरिटी कमिश्नर कार्यालय और मनोरंजन कर विभाग में जमा किए गए थे !!!?
फिलहाल पाटन का प्रशासनिक तंत्र किन नियमों के आधार पर अनुमति देगा और टिकट की कीमत पर कितना जीएसटी और मनोरंजन कर देना होगा!!
भक्ति शक्ति और आराधना का पर्व यानि आशो नवरात्रि अब नौ दिनों तक युवाओं को दिखेगी नवरात्रि की थंगनाट वर्षों पहले महोल्ला स्ट्रीट और सोसायटी में नवरात्रि का गरबा एक परंपरा हुआ करती थी लेकिन धीरे-धीरे स्ट्रीट गरबा पार्टी प्लॉट और विज्ञापनों में तब्दील होने लगा और फिर रितसर एक व्यवसाय बन गया है और अब धार्मिक भावनाओं के साथ लोगों की जेबें हल्की करने की योजना एक व्यावसायिक पार्टी की साजिश है गरबा जिसकी टिकट की कीमत भी न्यूनतम 100 रुपये हो गई है और जब शनिवार और रविवार को यह कीमत बढ़ जाती है, तो पाटन में तीन स्थानों पर सेवा परियोजनाएं शुरू की जाती हैं .साथ ही जीवदया के नाम से भी नवरात्रि शुरू हो रही है
पाटन में कुछ लोग मौसमी कारोबार में माहिर हैं और किसी के कंधे पर बंदूक रखकर नवरात्रि के दौरान अच्छा फंड इकट्ठा करते हैं।
पाटन के पार्टी प्लॉट में आयोजित गरबा के टिकट पर मनोरंजन कर चुकाया गया है या नहीं, इसकी जांच करना जरूरी है. क्या पिछले साल मनोरंजन कर चुकाया गया था?
मैदान में पार्टी प्लॉट में जो बैनर जमीन में लगाए जाते हैं, उन बैनरों की कीमतें भी ऊंची होती हैं, वे बैनर प्रशासनिक तंत्र को लाखों की आय का हिसाब दिखाते हैं!!?
फिलहाल, नवरात्रि पर गरबा स्थल पर प्रवेश को लेकर कई विरोधाभास हैं, गुजरात के ज्यादातर हिंदू वाहिनी संगठनों ने प्रवेश के दौरान गंगा जल और तिलक की बात कही है.
वहीं दूसरी ओर जो विज्ञापन निकाले गए हैं, उसमें फंडिंग करने वाला कौन है, इस पर भी चर्चा की जानी चाहिए।अगर आपके पास एक तरफ प्रवेश का मामला है, तो जिस पार्टी ने विवादास्पद विज्ञापन लिया है, उसे सांकेतिक मुफ्त पास दिया जाता है। का रवैया क्या होगा
इस प्रकार, भले ही कई प्रश्नों के बीच अनुमति दी गई हो, मानदंड का विभाजक उड़ सकता है
दूसरी ओर, प्रशासनिक तंत्र और राजनीतिक नेताओं को बुलाकर उनका और उनकी शक्ति का दुरुपयोग करके, आयोजक अपना लाभ प्राप्त करेंगे। अब देखना यह है कि तंत्र किन नियमों की अनुमति देता है
@पार्थ अलकेश पंड्या, पाटण